Chhath Puja 2017:- हमारे प्रिये दोस्तों को सबसे पहले छठ पूजा की हार्दिक शुभकामना, आपके और आपके परिवार के लिए छठी मईया से यही प्रार्थना है, की आप सभी को सफलता और बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति हो, बस यही मनोकामना के साथ हम आज अपनी Chhath Puja In Hindi के इस आर्टिकल की शुरुआत करते है, तो चलिए दोस्तों जानते है की आखिर क्या महत्व है Chhath Puja का, क्यों करते है लोग छठ पूजा आईये जानते है इसके बारे में……….
छठ हिंदू त्यौहार है, Chhath puja festival जो हर साल लोगों द्वारा बहुत उत्सुकता के साथ मनाया जाता है! ये हिंदू धर्म का बहुत प्राचीन त्यौहार है, जो ऊर्जा के परमेश्वर के लिए समर्पित है!
जिन्हें सूर्य या सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है! लोग पृथ्वी पर हमेशा के लिये जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान सूर्य को धन्यवाद देने के लिये ये त्यौहार मनाते हैं! लोग बहुत उत्साह से भगवान सूर्य की पूजा करते हैं, और अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और बुजुर्गों के अच्छे के लिये सफलता और प्रगति के लिए प्रार्थना करते हैं! हिंदू धर्म के अनुसार सूर्य की पूजा कुछ श्रेणी रोगों के इलाज से संबंधित है जैसे कुष्ठ रोग आदि!
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Contents
About Chhath Puja In Hindi
Information about chhath puja :- दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्योहार आता है Chhath pooja! इस पर्व को छठ, छठी, डाला छठ, डाला पूजा, सूर्य षष्ठी जैसे अनेक नामों से जाना जाता है! Story of Chhath Puja क्या है ?
छठ करने के लिए 36 घंटे तक उपवास रखना होता है! इस दौरान खाना तो क्या,पानी तक नहीं पिया जाता है! इसलिए छठ को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है! हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलम्बी भी मनाते देखे गये हैं! धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है!
Chhath Puja History In Hindi
Chhath puja 2017 Date:- लोक आस्था का महापर्व छठ का आरंभ 24 अक्टूबर 2017 यानि मंगलवर से शुरू हो रहा है ! कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलने वाला यह चार दिन का पर्व नहाय खाए के साथ शुरू होता है ! महिलाएं नदियों और तालाबों के तट पर जुट जाती हैं !
Chhath puja इस साल छठ 24 अक्टूबर को नहाय खाए से शुरु हो रहा है ! 25 अक्टूबर को खरना मनाया जाएगा ! इसके बाद छठ व्रती 26 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी और 27 अक्टूबर को सुबह का अर्घ्य देने के बाद अरुणोदय में सूर्य छठ व्रत का समापन किया जायेगा ! आईए जानते हैं इस चार दिन के पर्व के हर दिन के महत्व के बारे में…………
Chhath Vrat Vidhi in Hindi
Chhath puja vidhi:- पहले दिन के नहाय खाए के साथ ही छठ का महापर्व शुरू हो चुका है ! आज खरना है,नहाय खाय के दूसरे दिन खरना होता है, जो कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि को होती है!
खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर बनाया जाता है. और ये चूल्हा मिट्टी का बना होता है ! चूल्हे पर आम की लकड़ी का प्रयोग करना शुभ माना जाता है ! खरना के दिन गुड़ व आरव के चावल से खीर और गेहूं के आटे की रोटी का प्रसाद बनाया जाएगा ! प्रसाद बन जाने के बाद शाम को सूर्य की आराधना कर उन्हें भोग लगाया जाता है और फिर व्रती प्रसाद ग्रहण करती है !
तीसरा दिन इस दिन शाम का अर्घ्य दिया जाता है ! सूर्य षष्ठी को छठ पूजा का तीसरा दिन होता है ! आज पूरे दिन के उपवास के बाद शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है ! मान्यता के अनुसार शाम का अर्घ्य के बाद रात में छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा भी सुनी जाती है !
चौथा दिन छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन सुबह का अर्घ्य दिया जाता है ! आज के दिन सुबह सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंचना होता है और उगते सूर्य को अर्घ्य देना होता है! अर्घ्य देने के बाद घाट पर छठ माता से संतान-रक्षा और घर परिवार के सुख शांति का वरदान मांगा जाता है! इस पूजन के बाद सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोल लेते हैं !
Chhath Puja Samagri In Hindi
Chhath Puja Samagri :- छठ पूजा के लिए क्या सामान इकठ्ठा करें ? प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी. बांस या पीतल के बने 3 सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा. चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक. पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो सुथनी और शकरकंदी हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा. नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं! शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई और ये होगा प्रसाद ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पूड़ी, खजूर, सूजी का हलवा, चावल का बना लड्डू, जिसे लडुआ भी कहते हैं आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाएगा.!
फल सब्जी कौन-कौन से लाने होंगे :- टोकरी को धोकर उसमें ठेकुआ के अलावा नई फल सब्जियां भी रखी जाती हैं! जैसे कि केला,अनानास बड़ा मीठा निंबू, सेब, सिंघाड़ा,मूली, अदरक पत्ते समेत, गन्ना, कच्ची हल्दी नारियल आदि रखते हैं. सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा प्रसाद सूप में रखते हैं ! सूप में ही दीपक जलता है. लोटा से सूर्य को दूध गंगाजल और साफ जल से फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दिया जाता है!
Chhath Puja Songs in Hindi
Songs of Chhath Atvaar
- आदितमल होइहें नाराज (Aaditmal Hoihein Naraj)
- गौंवे होखत होइ छठ (Gaonve Hokhat Hoi Chhath)
- छठी मइया हो (Chhathi Maiya Ho)
- कातिक महीना हो (Kaatik Mahina Ho)
- बझिनी के रोवले तलैया (Bajhini Ke Rovle Talaiya)
- छठ अतवार (Chhath Atvaar)
- बड़ा रे महंग भइले (Bada Re Mahang Bhaile)
- बरती डेड परसदिया हो (Barti Ded Parasdiya Ho)
Chhath Puja In Hindi – छठ पूजा के लाभ
- छठ पूजा के भक्त शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकते हैं!
- विभिन्न प्रकार के त्वचा सम्बन्धी रोगो को सुरक्षित सूरज की किरणों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है!
- यह श्वेत रक्त कणिकाओं की कार्यप्रणाली में सुधार करके रक्त की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है!
- सौर ऊर्जा हार्मोन के स्राव को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान करती है!
रोज सूर्य ध्यान शरीर और मन को आराम देता है ! प्राणायाम, योगा और ध्यान क्रिया भी शरीर और मन को नियंत्रित करने के तरीके है !
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