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Environmental Health and Safety Specialist
How to make safe Environment day
सारी दुनिया में 5 june को world environment day मनाया जाता है इस दिन लोग stockhome, Helsinki, London, viyana, cauto जैसे सम्मेलनों और mantriyal procotol रियो घोषणा पत्र, संयुक्त राष्ट्र environment कार्यक्रम इत्यादि को याद करते हैं गोष्ठियों में सम्पन्न प्रयासों का लेखाजोखा पेश किया जाता है अधूरे कामों पर चिन्ता व्यक्त की जाती है समाज का आह्वान किया जाता है
“environment प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने stockhome (sweedan) में world भर के देशों का पहला environment सम्मेलन आयोजित किया इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र environment कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति years 5 june को environment day आयोजित करके citizen को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया”
आज सड़कें बनती हैं, overbrij बनते हैं। उनके लिए tree को न काटा जाए। हमारी मंशा तो यह बिल्कुल भी नहीं है। आखिर काम पड़ने पर बढ़ते यातायात का बोझ सहन करने के लिए road चाहिए और overbrije भी। हम विकास के विरोधी नहीं हैं लेकिन इनके बदले में अन्य स्थानों पर ही सही नए trees को लगाया जाए। अब तो धीरे-धीरे जस-के-तस trees को उखाड़कर उन्हें अन्यत्र रोपने की तकनीक का इस्तेमाल भी हो रहा है साल-दर-साल बारिश का कम होना, भूजल स्तर कम होना और इसके विपरीत गर्मी की तपन बढ़ते जाना आदि चीजें सीधे-सीधे इसी environment से जुड़ी हैं। जब इसके दृष्टिगोचर होते परिणामों के बाद तो हमें चेत ही जाना चाहिए कि यह environment हमारे लिए जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी है। तो क्यों न सर्वप्रथम इसकी रक्षा की जाए और समय रहते global varming के दुष्प्रभावों से बचा जाए। कहा भी जाता है कि एक tree लगाने से एक यज्ञ के के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। कम से कम एक tree जरूर लगाएँ और इसकी देखभाल भी करें कुछ years बाद यह बड़ा होगा देखकर दिल को सुकून देगा
इस औद्योगिक विकास के युग में world के सभी विकासशील और विकसित देशों में हजारों लाखों companies day and night चलती रहती हैं जिनसे निकलने वाला धुआं और विषैले पदार्थ हमारे environment को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं प्रदुषण की वजह से ही sun की खतरनाक किरणों से रक्षा करने वाली ojon परत में छेद बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ गया है कि march-april के महीने में ही तापमान 50 के आंकड़े को छूने को बेताब हो जा रहा है अभी june का महीना चल रहा है, और क्या day, क्या night, आपको गर्मी से त्राहि माम, त्राहि माम के अतिरिक्त कुछ और सुनाई न देगा! हालाँकि, इन समस्याओं के प्रति कई पर्यावरणविद सचेत हैं तो हमारे environment को बचाने के लिए तथा लोगों में environment के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए साल में एक दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा world environment day 5 june को स्थापित किया गया था ये लगभग 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है तथा यह संयुक्त राष्ट्र environment कार्यक्रम (UNEP) द्वारा चलाया जाता है world environment day को मनाने का उद्देश्य है लोगों के मन में environment के प्रति जागरूकता को बढ़ाना तथा प्रकृति और पृथ्वी की रक्षा करने के साथ-साथ environment को और बेहतर बनाना है
इस मौके पर विश्व भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन बेहद दुःख की बात है कि ये आयोजन सिर्फ आयोजन तक ही सीमित रह जाते हैं जन-मानस भी इसके प्रति दायित्व नही समझ पा रहे तो तमाम संस्थाओं के काग़जी कार्यक्रमों पर सवाल तो उठते ही हैं अगर हम ठान लें कि हमें environment की सुरक्षा के लिए कुछ करना है तो हमें इसके लिए ज्यादा मेहनत करने की जरुरत भी नहीं है बस रोजमर्रा के कामों को करते हुए हम ये काम व्यक्तिगत स्तर पर भी आसानी से कर सकते हैं !
हमारी छोटी-छोटी, समझदारी भरी पहल environment को बेहद साफ-सुथरा और तरोताजा कर सकती है, इस बात में दो राय नहीं है जैसे, जब भी हम Market जाते हैं तो plastic की polothin के बजाय हम घर से कपड़े का polothin ले जाएँ या कागज के polothin का प्रयोग करें जिससे बेवजह plastic का कचरा फैलने से बचेगा इसी तरह, अक्सर हमने देखा है कि लोग room में घुसते ही fan और light चला लेते हैं लेकिन room से बाहर निकलते समय fan और light of करना भूल जाते हैं या जरुरी नहीं समझते हमारे ऐसा करने से बिना जरुरत light बर्बाद होती है जो environment के हिसाब से ठीक नहीं है, क्योंकि light उत्पन्न करने में हमारे environment को नुक्सान पहुँचता हैं, इसलिए हमें बस जरूरत भर की light ही खर्च करनी चाहिए
इसी कदम में हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है water इसलिए बेहद important है कि हम water को सोच समझ कर और समझदारी से खर्च करें हमारी कोशिश होनी चाहिए कि एक बार इस्तेमाल हुए water को भी दोबारा किसी दूसरे कार्य में इस्तेमाल कर लिया जाये अपने आस-पास और अपने बच्चों को भी प्रेरित करें की water की फिजूलखर्ची न करें आज-कल जमाना internet का है तो हमें भी इसका लाभ लेते हुए अपने सारे बिलों का भुगतान online करने की आदत डालनी चाहिए, इससे हमारा समय तो बचेगा ही साथ ही कागज की बर्बादी भी नहीं होगी और तो और deejal-petrol की बचत के साथ ही वायु प्रदुषण भी कम होगा और सबसे जरुरी बात हमें स्वयं पेड़ लगाने चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए !
अगर हम इन छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देने लग गए तो क्रांति की शुरुआत जरूर हो जाएगी और हमारी आने वाली पीढ़ियों को हम एक स्वस्थ वातावरण जरूर ही मुहैया करा सकेंगे हालाँकि, बढ़ती जनसंख्या environment का के ह्रास से सीधा सम्बन्ध है, इसलिए सरकार को भी इन मामलों की तरफ कड़ाई से ध्यान देना चाहिए साथ ही साथ, बढ़ता शहरीकरण, जंगलों की कटाई इत्यादि environment को नुक्सान पहुंचाने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं विकसित और विकासशील देशों के बीच green house उत्सर्जन को लेकर हमेशा ही विवाद रहा है और अभी हाल ही में इसको लेकर कई सम्मेलन भी हुए है, जिस पर काफी हद तक सहमति भी बनी है देखना दिलचस्प होगा कि world भर के देश और उनका नेतृत्व इन मामलों पर क्या रूख अपनाता है तो व्यक्तिगत स्तर पर citizen इसके प्रति क्या कदम उठाते हैं कम से कम हर व्यक्ति यथासम्भव plastic इस्तेमाल न करने की कसम ही खा ले, फिर तो environment day की सार्थकता जरूर होगी, अन्यथा हर साल की भांति खानापूर्ति तो चल ही रही है!
World environment day history
World environment day संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है environment और जीवन का अटूट संबंध है फिर भी हमें अलग से यह day मनाकर environment के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्यकता है environment प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने stockhome (sweedom) में विश्व भर के देशों का पहला environment सम्मेलन आयोजित किया इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र environment कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 june को environment day आयोजित करके citizen को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया तथा इसका मुख्य उद्देश्य environment के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था उक्त गोष्ठी में तत्कालीन PM. Shreemati Indera Gandhi ने “environment की बिगड़ती स्थिति एवं उसका world के भविष्य पर प्रभाव” subject पर व्याख्यान दिया था environment सुरक्षा की दिशा में यह India का प्रारंभिक कदम था. तभी से हम प्रति years 5 june को world environment day मनाते आ रहे हैं
environment संरक्षण अधिनियम :
19 november 1986 से environment संरक्षण अधिनियम लागू हुआ तदनुसार जल, वायु, भूमि – इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधो, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि environment के अंतर्गत आते हैं. environment संरक्षण अधिनियम के कई important बिंदु हैं जैसे –
- environment की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी आवश्यक क़दम उठाना
- environment प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना
- environment की गुणवत्ता के मानक निर्धारित करना
- environment सुरक्षा से संबंधित अधिनियमों के अंतर्गत राज्य-सरकारों, अधिकारियों और संबंधितों के काम में समन्वय स्थापित करना
- ऐसे क्षेत्रों का परिसीमन करना, जहाँ किसी भी उद्योग की स्थापना अथवा औद्योगिक गतिविधियां संचालित न की जा सकें. आदि-आदि. उक्त-अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है
environment संरक्षण के नारे (Environment Slogans) :
पेड़ लगाए हर इन्सान, माँ वसंधुरा देती वरदान
वृक्ष फेलाते हें हरयाली , जीवन में लाते खुशहाली
जहां हरयाली है, वहीं खुशहाली है
धरती पर स्वर्ग हे वहाँ, हरे भरे वृक्ष हे जहाँ
वृक्ष काट तुम मत करो अभिमान, रोती धरती तुम को देगी अभिशाप
पेड़ो से वायु, वायु से आयु
कहते हे सब वेद-पुराण, एक वृक्ष दस पुत्र सामान
पेड़ो को मत काटो भाई, ये करते प्राकृतिक भरपाई
कड़ी धूप में जलते हैं पाँव, होते पेड़ तो मिलती छाँव
बंजर धरती करे पुकार, पेड़ लगाकर करो सिंगार
यदि लानी हे सुंदर हरयाली, पेड़ पोधों की करो रखवाली
मत काटो इन पेड़ो को इन में होती हे जान, बिन पेड़ो के हो जायेगा हम सब का जीवन सुनसान
वन रोपें – उद्यान लगायें, हरा-भरा निज देश बनाएँ
वन उपवन कर रहे पुकार, देते हम वर्षा की बोछार
वृक्ष-लघु सेवा, तरु हमसे लेते, अमित ताम जीवन भर हमें देते
वृक्ष सभी का स्वागत करते, दे फल फूल पथ-श्रम हरते
वृक्ष प्रदुषण-विष पी जाते, पर्यावरण पवित्र बनाते
आओ बच्चो के साथ मनाए त्योहार, स्वस्थ जीवन के लिए दे एक पेड़ उपहार
सिर साटे रूख रहे तो भी सस्तो जाण
पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक नारे :
नदियों को मुक्त बहने दो, नदियों की हत्या करना बंद करो
भोपाल हादसे के पीड़ितों को न्याय दो, और सबक लेकर रिहायशी इलाकों में कारखाने लगाना बंद करो
निजी वाहनों पर रोक लगाओ, हवा में जहर घोलना बंद करो
खेतों में शहर बसाना, कारखाना लगाना बंद करो
नदियों-पहाड़ों को बेचना बंद करो
पर्यावरण को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करो, कचरा जलाना बंद करो
देशी-विदेशी कंपनियों के पर्यावरण के खिलाफ अपराध पर रोक लगाओ
समुद्र में खतरनाक और रेडियोधर्मी कचरा डालना बंद करो, ज़हरीले कचरे का व्यापार बंद करो
देशी-विदेशी खनन कंपनियों द्वारा खनिज के अवैध खनन पर रोक लगाओ
मानव केंद्रित ज़हरीले विकास का त्याग करो, सभी जीव-जंतुओं के अधिकारों को मान्यता दो
खेतों में रासायनिक खाद और रासायनिक कीटनाशक डालना बंद करो, खाद्य श्रृंखला को विषमुक्त करो
पर्यावरण बचाओ आंदोलन के शहीदों को सलाम, शहादत की परंपरा को सलाम
सौर ऊर्जा और अन्य प्रदूषणमुक्त बिजली के स्रोतों को स्वीकार करो
धूप में बल्ब जलाना बंद करो
खेतों और खलिहानों को पार्क बनाना बंद करो
तालाबों और नदियों पर मकान बनाना बंद करो
जंगलों में कारखाने लगाना बंद करो
नदियों में कचरा डालना बंद करो
पहाड़ों को रहने दो, पेड़ों को रहने दो, बच्चों में बचपना रहने दो
अमीरों की अमीरी से, कंपनियों की मुनाफाखोरी से पर्यावरण को खतरा है
फुकुशिमा और चेरनोबिल हादसे से सबक सीखना होगा, परमाणु बिजलीघरों पर रोक लगानी होगी
1894 से लेकर अब तक हुए भूमि अधिग्रहण पर श्वेत पत्र जारी करो !