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ग्रीन टी के बारे में तो सभी जानते है, और हमने भी आपके सामने कई सारे ग्रीन टी से सम्बंधित आर्टिकल प्रस्तुत किये है जैसे Green tea benefits in Hindi and Green tea kaise banaye पर आज हम आपको बताने जा रहे है Green coffee ke fayde, ग्रीन कॉफी से होने वाले फ़ायदों कि शुरुआत करें, तो यह weight loss से लेकर cancer से लड़ने तक में मदद करता है !
Green Coffee अच्छी सेहत के साथ साथ शरीर को कई तरीकों से स्वस्थ रखने में मदद करती है, इस पोस्ट में ग्रीन कॉफी से होने वाले स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करने के साथ-साथ हम आपको यह भी बताएँगे की इसे ग्रीन कॉफी क्यों कहा जाता है?
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Contents
What is green coffee – ग्रीन कॉफ़ी क्या है?
आजकल ग्रीन कॉफी लोगों में एक Famous drink के रूप में बहुत लोकप्रिय हो रहा है, ऐसा कहा जाता है कि यह सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक है ! लेकिन आप इसके साथ यह नहीं जानते है कि कोल्ड ड्रिंक पीना हमारी सेहत के लिए कितना हानिकारक होता है :- Janiye Cold Drink ka pura such
ग्रीन कॉफ़ी भी उन्ही कॉफ़ी बीन्स से बनती है, जो कि आपके रोज़ाना पीने वाली कॉफ़ी में इस्तेमाल किये जाते है, बस फर्क इतना है कि सामान्य तौर पर पी जाने वाली कॉफ़ी रोस्टेड होती है, और उन्हे normal temperature पर रोस्ट किया जाते है !
पर ऐसा ग्रीन कॉफ़ी बीन्स के साथ नहीं होता है , उसे हम रोस्ट कर ही नहीं सकते रोस्टेड कॉफी बीन्स से रंग और गुण में अलग होने के कारण ही इसका नाम ग्रीन कॉफी रखा गया है!
रोस्टेड कॉफ़ी की तुलना में इसमें बहुत सारे ऐसे minerals और vitamins पाए जाते है, जो कि शरीर के लिए बहुत लाभकारी होते है !
Scientific research के अनुसार इसमें ऐसे बहुत सारे फायदे है जिससे शरीर के कई सारे रोग खत्म हो जाते है, और आप सेहतमंद भी रहते है ! कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड (chlorogenic acid) और कैफीन की उच्च मात्रा के कारण ही यह स्वास्थ्य लाभ से जुड़े फायदे प्रदान करते हैं!
रोगों और शारीरिक समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन कॉफी बहुत फायदेमंद होती है, चलिए जानते है ग्रीन कॉफ़ी पीने के क्या फायदे है !
What benefits to take green coffee – ग्रीन कॉफ़ी पीने के क्या फायदे है
चाय से ज्यादा लोग कॉफी को यूज़ करते है, कई लोग इसे सुबह पीना पसंद करते है, तो कई अपनी थकान मिटाने के लिए पीते है, तो कई इसे मीठा खाने के बाद पीना पसंद करते है !
अगर सुबह-सुबह खाली पेट यानी नाश्ते से पहले ग्रीन कॉफी का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते हैं ! Ayurvedic Tips For Healthy Living
इसके साथ ही कुछ विशेष medicine का सेवन करने वालों के लिए भी ग्रीन कॉफी के सेवन को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ग्रीन कॉफी में मौजूद कुछ elements इन medicine के Chemicals के साथ मिलकर प्रतिक्रिया कर सकते हैं!
ऐसा heart attack के लिए, Weak bones के लिए, Lung disease, Menopause, depression Schizophrenia जैसी तकलीफों के लिए ली जाने वाली medicine में शामिल होता है! पर ग्रीन कॉफ़ी बनती कैसे है आईये जानते है ग्रीन कॉफ़ी बनाने की विधि!
Green Coffee Kaise Banaye – ग्रीन कॉफ़ी बनाने की विधि
ग्रीन कॉफ़ी बीन्स और पाउडर दोनों ही आराम से मिल जाते है, पर आजकल ग्रीन कॉफ़ी टेबलेट भी आती है पर टेबलेट के बेहतर परिणाम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल टेबलेट के बेहतर परिणाम के बारे में इसलिए यहाँ पर हम ग्रीन कॉफ़ी बनाने के दो तरीको (पाउडर और बीन्स) से जानेगे !
- ग्रीन कॉफ़ी बनाने की विधि:- पाउडर से– आपके पास ग्रीन कॉफ़ी बीन्स है तो उसका पाउडर बना ले और एक कप में इस पाउडर को डाले और ऊपर से गर्म पानी डाले और 5 मिनट के बाद छाने और अगर आपके पास पाउडर है तो सीधे कप में पाउडर डाले और गर्म पानी डाल दे!
- ग्रीन कॉफ़ी बनाने का तरीका : बीन्स से 5 ग्राम और 100 ml पानी ले taste के लिए आप इलयाची और शहद का भी इस्तेमाल कर सकते है !
रात में कॉफ़ी बीन्स को भिगो कर रख दे, और सुबह इनको अच्छे से धो कर 150 ml पानी में उबाल ले, आपकी ग्रीन कॉफ़ी तैयार है, अगर आपको पीने में टेस्ट अच्छा न लगे तो आप पानी के साथ इलयाची उबाल ले और शहद का भी इस्तेमाल कर सकते है, और इसी के साथ Benefits Of Honey भी जानिए
ग्रीन कॉफ़ी से होने वाले फायदे इस प्रकार हैं:-
Green coffee ke fayde
दोस्तों, ये तो आपने जान ही लिया है कि ग्रीन कॉफ़ी क्या है और ग्रीन कॉफ़ी बनाने की विधि और अब आईये जानते है कि ग्रीन कॉफ़ी पीने के क्या फायदे और नुकसान है !
Green coffee for weight loss
- ग्रीन कॉफी आपके वजन को नियंत्रित करने के लिए रामबाण दवा है, यदि सुबह-सुबह खाली पेट नाश्ते से पहले ग्रीन कॉफी का नियमित सेवन किया जाए तो आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते हैं !
- ग्रीन कॉफी आपका मेटाबॉलिक रेंज बढ़ा देती है और जिसके कारण आपकी सामान्य एक्टिविटीज में भी पहले से ज्यादा कैलोरी खर्च होती हैं !
Green Coffee For Fresh Mood
- इसमें कैफीन की काफी मात्रा होने की वजह से यह ग्रीन कॉफी हमारे दिमाग पर असर डालती है और हमारे मूड को बेहतर करने का इलाज करती है !
- इसके अलावा कैफीन की कुछ मात्रा का असर हमारी याददाश्त पर भी पड़ता है रोस्टेड कॉफी की ही तरह ग्रीन कॉफी हमें नींद या आलस के एहसास से दूर करती है, और लंबे समय तक ऊर्जावान बने रहने में हेल्प करती है! और किसी भी बीमारी को दूर भगाने के लिए हमारा खुश रहना बहुत जरुरी होता है तो आईये जानिए : khush rehne ke fayde
Green Coffee Can Cure Headache
कॉफ़ी की तरह ये भी आपके सिर दर्द में बहुत ही उपयोगी होती है और इसमें मौजूद कैफीन सिर के दर्द को तेजी से कम करने के साथ साथ दूर करने में भी सहायता करती है ! jarur jaiye :- How To Take care Of Eyes Naturally
अगर आप काम कर के थक चुके है, और आपके सिर में दर्द हो रहा हो तो आपको ग्रीन कॉफ़ी का जरूर इस्तेमाल करना चाहिए!
Green coffee benefits to cancer
ग्रीन कॉफी कैंसर जैसी बीमारियों के लिए भी बहुत अच्छी होती है! क्योंकि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड नाम का बहुत ही प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो ट्यूमर आदि रोगों के निर्माण को रोकता है,और इसकी मदद से कैंसर जैसी बीमारियों पर नियंत्रण तो होता ही है साथ ही यह कैंसर को बढ़ने भी नहीं देता है! jarur padhyi:- Bhukh Badhane Ke Gharelu Nuskhe Aur Upay
Green coffee bean extract side effects
यह तो सब जानते ही है कि ग्रीन कॉफ़ी के दो या तीन कप पीने से आज तक किसी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन ग्रीन कॉफ़ी आखिर होती तो कॉफ़ी ही है न, और इसमें कैफीन भी होता है तो ग्रीन कॉफ़ी का इस्तेमाल करने से पहले आईये जान लेते है इसके कुछ नुकसान जो आपके लिए परेशानी पैदा कर सकते है!
- अगर आपको बेचैनी की परेशानी है तो आप ग्रीन कॉफ़ी का इस्तेमाल न ही करें वही आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि ग्रीन कॉफ़ी का लगातार इस्तेमाल करने से आपकी यह समस्या और भी बढ़ सकती है !
- ग्रीन कॉफ़ी से ब्लड प्रैशर भी बढ़ सकता है, तो अगर आपको ब्लड प्रैशर है तो ग्रीन कॉफ़ी का इस्तेमाल न करें नहीं तो इससे आपकी हालत और बिगड़ सकती है!
- जिन लोगों के बाउल की मूवमेंट नॉर्मल नहीं रहती उनके लिए ज्यादा मात्रा में कैफीन लेना ठीक नहीं होता क्योंकि कैफीन इस हालत को और खराब कर देता है। इसलिए जिन लोगों को IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम ) से जुड़ी दिक्कतें हैं उन्हें ज्यादा कॉफी लेने से बचना चाहिए।
- जो लोग कैफीन लेते हैं उनके पेशाब में कैल्शियम बढ़ जाता है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस है तो दिन में दो – तीन कप से ज्यादा कॉफी न पीयें। दो तीन कप भी हार्ड नहीं नॉर्मल कॉफी होनी चाहिए। क्योंकि आपकी अच्छी सेहत आपके ही हाथ में होती है इसलिए अपनी सेहत का खास ध्यान रखें!
- अगर आपको डायरिया सम्बन्धित परेशानी है और आपका पेट कमजोर है मतलब कि आपका पेट जल्दी खराब हो जाता है तो भी आपको ग्रीन कॉफ़ी के इस्तेमाल से बचना होगा!
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